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रामनवमी के अवसर पर श्रीराम के चरण में सादर समर्पित।।

राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने।। पतित पावन नाम के, सब भजियौ सीताराम के। संगहि वीर हनुमान के, सब भजियौ सीताराम के।। त्रेतायुग में जन्म जे लेला, राजा दशरथ के पुत्र कहेला कौशिल्या के प्रिय प्राण के, सब भजियौ सीताराम के।। चौदह वरष वनवास जे गेला पिता वचन के पूर्ण निभेला, धारण केने छथि जे धनुषबाण के सब भजियौ सीताराम के।। पीताम्बर जिनका अछि शोभित, नाना अलंकार सेहो विभूषित कमलनयन के संगहि वर्ण श्याम के, सब भजियौ सीताराम के।। मोह के नाश ई छथि करथि, सगरो संसार के आनंदित करथि, परम सुंदर ओइ भगवान के, सब भजियौ सीताराम के।। दशानन के जे संहारलथि विभीषण के राज दियौलथि बचौलैथि जानकी के सम्मान के सब भजियौ सीताराम के।। ✍️ सुमन