भाषा के महत्व
‘शिक्षा का उद्देश्य भाषा और संस्कृति से जोड़ना है’ शिक्षा का क्षेत्र काफी व्यापक है। यहां विभिन्न विषयों का संगम होता है। शिक्षा का रिश्ता मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, भाषाविज्ञान के साथ-साथ दर्शनशास्त्र से भी है। संगीत और नाट्य विधा भी शिक्षा क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा रही हैं। इस क्षेत्र में काम करने की पहली शर्त है कि हम अपने दिल और दिमाग को खुला रखते हों। विपरीत परिस्थिति में भी अच्छे समाधान खोजने और उस पर अमल करने को तत्पर हों। इस क्षेत्र में काम करने वाले अन्य लोगों के अनुभवों से लाभ उठाने और उनके साथ अपने अनुभवों को साझा करने के लिए सदैव तत्पर हों। ताकि शिक्षा क्षेत्र में बदलाव के लक्ष्य को साझा प्रयासों से हासिल किया जा सके। इस क्षेत्र में बदलाव धीमी प्रक्रिया से होता है और उसे ठहराव पाने में लंबा समय लगता है। जाहिर है ऐसे में हमारे धैर्य की परीक्षा भी होती है। तो हमें इस तरह की परीक्षाओं के लिए भी सदैव तैयार रहना चाहिए। ‘हम तो हिंदी वाले हैं’ इस क्षेत्र में हम यह कहकर किनारा नहीं कर सकते हैं कि हम तो हिंदी वाले हैं, हम अंग्रेजी में लिखा रिसर्च पेपर पढ़कर