परदेसिया करोना
शहर छोइर क जाइ छियै गाम,
रे भैया भोजन के नै छय इंतजाम।
जहिया स बन्द भेलैय काम,
रे भैया भोजन के नै छय इंतजाम।।
जा क परदेश जे करै देहारी,
दिन भैर खटै तहन भेटै सोहारी।
सर्दी गर्मी जेकरा लेल समान,
रे भैया भोजन के नै छय इंतजाम।।
शहर में बंद भेलै सबटा काज धाज,
नै छै केकरो ओहन ओ राज साज।
सब भ गेल छै आदमी आम,
रे भैया भोजन के नै छय इंतजाम।।
दूर दूर स लोक सब पैदलै चलल,
जेकरा छै साईकिल मारलक पैडल।
सब बढ़ाबा अपन डेग थाइम थाइम,
रे भैया भोजन के नै छय इंतजाम।।
रहै सब लकअ कमरा किराया,
मालिक के नै छै दरेग ओ दाया।
आब जीवन त लागै हराम,
रे भैया भोजन के नै छय इंतजाम।।
सरकारी जोगार नै कोनो तेहेन सन,
ओकरा लय छय सब ओहिना धन सन।
कराबी कत्ते अपन अपमान,
रे भैया भोजन के नै छय इंतजाम।।
✍️ सुमन
रे भैया भोजन के नै छय इंतजाम।
जहिया स बन्द भेलैय काम,
रे भैया भोजन के नै छय इंतजाम।।
जा क परदेश जे करै देहारी,
दिन भैर खटै तहन भेटै सोहारी।
सर्दी गर्मी जेकरा लेल समान,
रे भैया भोजन के नै छय इंतजाम।।
शहर में बंद भेलै सबटा काज धाज,
नै छै केकरो ओहन ओ राज साज।
सब भ गेल छै आदमी आम,
रे भैया भोजन के नै छय इंतजाम।।
दूर दूर स लोक सब पैदलै चलल,
जेकरा छै साईकिल मारलक पैडल।
सब बढ़ाबा अपन डेग थाइम थाइम,
रे भैया भोजन के नै छय इंतजाम।।
रहै सब लकअ कमरा किराया,
मालिक के नै छै दरेग ओ दाया।
आब जीवन त लागै हराम,
रे भैया भोजन के नै छय इंतजाम।।
सरकारी जोगार नै कोनो तेहेन सन,
ओकरा लय छय सब ओहिना धन सन।
कराबी कत्ते अपन अपमान,
रे भैया भोजन के नै छय इंतजाम।।
✍️ सुमन
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