कोरोना को समर्पित मेरी एक एवं पहली रचना
आज कोरोना के कहर ने,
मचा दिया पूरे देश में कोहराम।
बन्द हो गयी सारी मंदिरे
सुनी पड़ गयी पूरी दुनिया,
चाहे बाजार हो या खेत खलिहान।
बन्द हो गयी स्कूल,कॉलेज
परीक्षा को भी दिया गया विराम।।
बन्द हो गयी सारी ट्रेनें
जिसका न कभी हुआ विश्राम।
अपने घर को जाने खातिर,
दर दर भटक रहा इंसान।।
लगातार करवा कर बारिश,
प्रकृति ने भी दिखा दिया ईमान।
रोज घटाकर मौसम का तापमान,
प्रकृति भी ले रहा खूब इम्तिहान।।
देखकर ऐसी बदतर हालत,
सरकार ने जारी किया फरमान।
बन्द रहें अपने ही मकान में,
चाहे बच्चे बूढ़े हो या जवान।।
रहें सतर्क एवं सुरक्षित,
एकमात्र इसका निदान।
हमसब संकल्पित होकर
करेंगे कोरोना का पूर्ण समाधान।।
✍️ सुमन
मचा दिया पूरे देश में कोहराम।
बन्द हो गयी सारी मंदिरे
चाहे श्यामा,कृष्ण हो राम।।
सुनी पड़ गयी पूरी दुनिया,
चाहे बाजार हो या खेत खलिहान।
बन्द हो गयी स्कूल,कॉलेज
परीक्षा को भी दिया गया विराम।।
बन्द हो गयी सारी ट्रेनें
जिसका न कभी हुआ विश्राम।
अपने घर को जाने खातिर,
दर दर भटक रहा इंसान।।
लगातार करवा कर बारिश,
प्रकृति ने भी दिखा दिया ईमान।
रोज घटाकर मौसम का तापमान,
प्रकृति भी ले रहा खूब इम्तिहान।।
देखकर ऐसी बदतर हालत,
सरकार ने जारी किया फरमान।
बन्द रहें अपने ही मकान में,
चाहे बच्चे बूढ़े हो या जवान।।
रहें सतर्क एवं सुरक्षित,
एकमात्र इसका निदान।
हमसब संकल्पित होकर
करेंगे कोरोना का पूर्ण समाधान।।
✍️ सुमन
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