कोरोना के लेल हमर लिखल माई स विनती
हे मैया आइब गेलई ई कोरोनमा ना,
तोहर संतानक दुश्मनमा ना।।
सब लोक के देलक डराय,
सबके क देलक असहाय।
सगरो दुनिया में ई पसरनमा ना,
तोहर संतानक दुश्मनमा ना।।
लोक के केलक लोक स दूर,
घर बैसअ लेल सबके मजबूर।
लोक के बांधि रहल बन्धनमा ना,
तोहर संतानक दुश्मनमा ना।।
ई त लेलक कतेक प्राण,
सगरो जग के केलक हैरान।
दुर्लभ भ गेल तोहर दर्शनमा ना,
तोहर संतानक दुश्मनमा ना।।
हे मैया,एकरा दियौ भगाय,
एकरा ऊपर बज्जर खसाय।
लोक त करत अहि के पूजनमा ना,
तोहर संतानक दुश्मनमा ना।।
तोहर संतानक दुश्मनमा ना।।
सब लोक के देलक डराय,
सबके क देलक असहाय।
सगरो दुनिया में ई पसरनमा ना,
तोहर संतानक दुश्मनमा ना।।
लोक के केलक लोक स दूर,
घर बैसअ लेल सबके मजबूर।
लोक के बांधि रहल बन्धनमा ना,
तोहर संतानक दुश्मनमा ना।।
ई त लेलक कतेक प्राण,
सगरो जग के केलक हैरान।
दुर्लभ भ गेल तोहर दर्शनमा ना,
तोहर संतानक दुश्मनमा ना।।
हे मैया,एकरा दियौ भगाय,
एकरा ऊपर बज्जर खसाय।
लोक त करत अहि के पूजनमा ना,
तोहर संतानक दुश्मनमा ना।।
✍️ सुमन
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